मेरठ। मवाना में शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय में खुद को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास करने वाले किसान का बेटा आकाश शनिवार को टावर पर चढ़ गया। बेटे का आरोप है कि भाजपा के राज्यमंत्री और स्थानीय विधायक दिनेश खटीक ने उसके पिता की जिंदगी और फसल के नुकसान के कीमत महज 2 लाख रुपए आंकी है। यह कहां का न्याय हैं।
उधर शनिवार को इस पूरे मामले में किसानों ने पंचायत बुलाई। जिसमें वन विभाग द्वारा किसानों की जमीन को अपना बताकर कब्जा करने के मामले का विरोध किया गया। इस पंचायत में राज्यमंत्री दिनेश खटीक और प्रशासनिक अफसर भी पहुंचे। जहां मंत्री दिनेश खटीक ने पीड़ित किसान जगवीर के परिजनों को 2 लाख रुपए मुआवजे का चेक देने लगे।जब दो लाख रुपए मिलने की बात किसान जगवीर के बेटे आकाश को पता चली तो वो इसके विरोध में खड़ा हो गया। अपने गांव अलीपुर मोरना में आकाश मंत्री के 2 लाख रुपए के खिलाफ टावर पर चढ़ गया है। यहां मौके पर जमा भीड़ उसे टावर से उतारने का प्रयास कर रहती रही ।
बेटे आकाश का कहना है कि उसके पिता अस्पताल में जिंदगी, मौत से जूझ रहे हैं। वन विभाग ने खेत में खड़ी हमारी तैयार फसल को जोतकर नष्ट कर दिया। हमारी 80 साल पुरानी पैतृक जमीन पर वन विभाग ने कब्जा कर लिया है। मंत्री इसकी कीमत 2 लाख रुपए लगा रहे हैं।
बता दें कि अभी तक पीड़ित किसान जगवीर की हालत गंभीर है। वो मेरठ के निजी अस्पताल न्यूटिमा में भर्ती है। डॉक्टरों का कहना है कि किसान 70 प्रतिशत जल चुका है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर गांव में किसानों में काफी रोष है। विपक्ष भी लगातार इस मामले को उछाल रहा है। पीड़ित किसान उसके परिवार से मिलने सपा, रालोद, आसपा के नेता पहुंच रहे हैं।राष्ट्रीय लोकदल द्वारा एक प्रतिनिधिमण्डल उनसे और उनके परिवार से मिलने के लिए न्यूटिमा हॉस्पिटल मेरठ में मिलने पंहुचा।जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद,राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान,राष्ट्रीय सचिव डॉ. कुलदीप उज्जवल,पूर्व विधायक विनोद हरित,पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र खजूरी, राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश अध्यक्ष (सामाजिक न्याय प्रकोष्ठ) संगीता दोहरे आदि पीड़ित और उनके परिवार से मिले और उनको हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है।
हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के अलीपुर मोरना गांव के समीप वन विभाग के कृष्ण वन ब्लॉक में विभाग की करीब तीन हेक्टेयर भूमि पर पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जा था, जिस पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए भूमि को अपने कब्जे में ले लिया।
डीएफओ राजेश कुमार के निर्देशन पर गुरुवार को वन विभाग के सर्वेयर विजेंद्र सिंह, रेजर रविकांत व स्थानीय लेखपाल सचिन तोमर, रोहित शर्मा, राजस्व निरीक्षक अग्रसेन, डिप्टी रेंजर मनोज कुमार सहित दर्जनों अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची थी। उन्होंने सरकारी भूमि पर वन विभाग का ट्रैक्टर चलाकर उसे कब्जा मुक्त कराया था।
डीएम ने गठित की जांच समिति
किसान जगबीर के आत्मदाह के प्रयास के मामले में डीएम दीपक मीणा ने जांच बैठा दी है। एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसपी देहात कमलेश बहादुर जांच करेंगे। डीएम ने 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने कहा कि अगर कोई दोषी मिला तो सख्त एक्शन होगा।
उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता पीड़ित के बेहतर इलाज की है। डीएम ने कहा कि वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत थी, जिससे अतिक्रमण हटाया गया था। किसान जगबीर जमीन की दोबारा से पैमाइश की एप्लीकेशन लेकर पहुंचे थे, लेकिन जांच और कार्रवाई से पहले ही आत्मदाह कर लिया। जांच में किसी की लापरवाही मिली तो सख्त एक्शन होगा।
डीएफओ का कहना है
क्षेत्रीय वन अधिकारी रविकांत चौधरी ने बताया कि इस भूमि पर पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जा था। जिसे अभियान के तहत ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया गया और वन विभाग ने इस भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है। जहां पर भी वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण है, उन्हें मुक्त कराया जा रहा है। बताया कि यह अभियान लगातार चलता रहेगा। खादर क्षेत्र में गंगा किनारे करीब पांच सौ हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त और चिन्हित कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधारोपण किया जाएगा। इसके लिए तैयारी चल रही है।